ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज़ अड्डा, ३ अगस्त : भाजपा नेताओं के घरों के घेराव के कार्यक्रम पर हाई कोर्ट पहले ही रोक लगा चुका है। सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद तृणमूल ने कार्यक्रम में बदलाव की घोषणा की गई। इस बार तृणमूल शीर्ष नेतृत्व की ओर से कार्यक्रम का दिन भी बदल दिया गया। बुधवार को विधानसभा में इस संबंध में एक सवाल के जवाब में शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि पांच अगस्त को हमारा जो कार्यक्रम था, वह अब छह अगस्त को होगा। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का फंड रोके जाने के खिलाफ प्रदर्शन होगा। सभी ब्लाकों में केंद्र सरकार योजनाओं से लोगों को वंचित कर रही है, हम उनके विरोध में आम लोगों के साथ शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में एक दिन की देरी की वजह के बारे में उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी स्तर पर लिया गया है। रविवार को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक केंद्रीय पक्षपात के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। भाजपा ने दावा किया कि अदालत के हस्तक्षेप के कारण, तृणमूल को तिथि के साथ-साथ कार्यक्रम बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके जवाब में फिरहाद ने कहा कि हमारे कार्यक्रम का कोर्ट के आदेश से कोई लेना-देना नहीं है। अगर हम लोकतांत्रिक देश में कोई कार्यक्रम करते हैं तो अदालत का इससे क्या लेना-देना है? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बुधवार को कहा कि केंद्रीय अनदेखी के खिलाफ तृणमूल छह अगस्त को ब्लाक स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
21 जुलाई को धर्मतल्ला में शहीद दिवस की सार्वजनिक सभा से तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने घोषणा की थी कि पांच अगस्त से राज्य स्तर के भाजपा नेताओं के घरों का आठ घंटे तक घेराव किया जाएगा। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उस बैठक में अपने भाषण के दौरान इसे संशोधित किया था। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम ब्लाक स्तर पर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि घेरा शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को घेरा नहीं जा सकता। बल्कि 100 मीटर दूर बैठकर शांति से प्रदर्शन करें। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी इस मामले को अदालत में ले गए। सोमवार को उस अर्जी के मद्देनजर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की पीठ ने कार्यक्रम पर रोक लगा दी। चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर कोई कहे कि कल हाई कोर्ट का घेराव किया जाएगा तो क्या सरकार या पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी? अगर कोई कहता है कि कहीं बम रखा हुआ है तो क्या सरकार या पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी? उन्होंने राज्य के वकील से पूछा कि क्या राज्य सरकार या पुलिस प्रशासन ने घेराबंदी के संबंध में कोई कार्रवाई की है, लेकिन राज्य के वकील मुख्य न्यायाधीश के सवाल का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। फिर कोर्ट ने कार्यक्रम स्थगित कर दिया। उसी दिन तृणमूल की ओर से दिग्गज नेता तापस राय ने कार्यक्रम में बदलाव की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी को कोई असुविधा पहुंचाए बिना, पार्टी संस्कृति और अनुशासन का पालन करते हुए हमारे कार्यकर्ता केंद्र की अनदेखी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।