ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज़ अड्डा, ३० सितम्बर :
अभिषेक को बार-बार बुलाया ईडी द्वारा बुलाया जा रहा है। सवाल उठ रहा है कि क्या अभिषेक ED के खिलाफ कोई कानूनी रास्ता अपनाने पर विचार कर रहे है? पार्टी कार्यक्रम के दिन बार-बार बुलाया गया है। राजनीतिक कार्यक्रम में बाधा डालने की कोशिश हो रही है।
तृणमूल को लगता है कि केंद्रीय जांच एजेंसी शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में जानबूझकर अभिषेक बनर्जी को परेशान कर रही है. सुनने में आ रहा है कि इसके जवाब में सत्ताधारी खेमा कानूनी कार्रवाई करने के बारे में सोचने लगा है.
3 अक्टूबर को ईडी के समन पर अभिषेक पेश नहीं होंगे. वह पहले ही केंद्रीय जांच एजेंसी को मौखिक जवाब दे चुके हैं. उन्होंने यह भी चुनौती दी कि अगर संभव हो तो ईडी उनकी दिल्ली यात्रा को रोक दे. राजनीतिक हलकों के मुताबिक इस बार अभिषेक ईडी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के बारे में भी सोच सकते हैं. खबर है कि पार्टी नेतृत्व को प्रारंभिक तौर पर यही संकेत मिला है. सुनने में आ रहा है कि तृणमूल का शीर्ष नेतृत्व ईडी के बार-बार तलब किए जाने पर जवाबी कदम उठाने की कोशिश कर रहा है. तृणमूल के मुताबिक, ऑल इंडिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद अब दिल्ली अभियान के दिन अभिषेक को पूछताछ के लिए बुलाए जाने से यह साफ हो गया कि ईडी की मंशा जांच करने की नहीं है, बल्कि अभिषेक के राजनीतिक कार्यक्रम में बाधा डालने की थी. शायद इसीलिए तृणमूल अखिल भारतीय महासचिव ने ईडी के समन के बावजूद बचते हुए दिल्ली जाने का फैसला किया है. इसके अलावा अभिषेक पहले भी कई बार ईडी के समन का जवाब दे चुके हैं और उनके दावे के अनुसार, उन सभी पूछताछों का शुद्ध परिणाम ‘माइनस टू’ रहा है।
सुनने में आ रहा है कि पार्टी जनता को यह संदेश देना चाहती है कि एजेंसी के डर से तृणमूल को दबाया नहीं जा सकता.
ऐसे में इस बात पर गौर किया जा रहा है कि क्या अभिषेक पल्टा केंद्रीय जांच एजेंसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.