ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज़ अड्डा, ६ नवंबर : बंगाल विधानसभा में आल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआइएसएफ) के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी ने रविवार को कहा कि वह डायमंड हार्बर निर्वाचन क्षेत्र से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी मौजूदा सांसद हैं। सिद्दीकी ने कहा कि यदि मेरी पार्टी मुझे नामांकित करती है तो मैं 2024 में डायमंड हार्बर से चुनाव लड़ूंगा और मैं वहां से मौजूदा लोकसभा सदस्य को पूर्व सांसद बनाऊंगा।
उन्होंने कहा कि अगर सत्तारूढ़ दल का बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा का डायमंड हार्बर माडल, जो इस साल पंचायत चुनावों में स्पष्ट था, 2024 के लोकसभा चुनाव में काम करने में विफल रहता है, तो परिणाम निश्चित रूप से अलग होंगे।
एआइएसएफ सूत्रों ने कहा कि सिद्दीकी का 2024 में डायमंड हार्बर से चुनाव लड़ना तय है, भले ही पार्टी को कांग्रेस- वाममोर्चा गठबंधन से समर्थन मिले या नहीं। सिद्दीकी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि 2021 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और वाममोर्चा के साथ गठबंधन और समझ के बावजूद, 2024 में ऐसा कोई गठबंधन नहीं होगा।
उन्होंने बड़े विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन के बारे में भी अपनी आपत्तियां व्यक्त कीं और कहा कि उस विपक्षी मंच में तृणमूल कांग्रेस की मौजूदगी एआइएसएफ के लिए इसका हिस्सा बनने में एकमात्र बाधा है।
सिद्दीकी ने कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बहुत प्रशंसा करता हूं। अगर तृणमूल कांग्रेस इंडिया गठबंधन में नहीं होती तो एआइएसएफ को विपक्षी ताकतों से हाथ मिलाने में कोई झिझक नहीं होती। लेकिन तृणमूल कांग्रेस की मौजूदगी ही एकमात्र बाधा है।
डायमंड हार्बर के अलावा एआइएसएफ की मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर, कूचबिहार, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और हावड़ा जैसे जिलों में कई लोकसभा क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से अपने उम्मीदवार खड़े करने की भी योजना है।
इससे पहले शनिवार को शुवेंदु अधिकारी को यह कहते हुए सुना गया था की वह डिमांड हार्बर से भतीजे को हारेंगे। बुआ को वह पहले ही हरा चुके हैं। वहीं रविवार को आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में साफ कर दिया कि अगर पार्टी मंजूरी देगी तो वह डायमंड हार्बर से उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. अगर ऐसा होता है तो नौशाद विपक्षी नेता की मदद करते नजर आएंगे ,क्योंकि दोनों का मकसद एक ही है भले ही पार्टियां अलग-अलग है।