ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज़ अड्डा, १३ अगस्त : अलग राज्य की मांग को लेकर उत्तर बंगाल के कई संगठन एकजुट हुए हैं. अलग राज्य की मांग को लेकर गोरखा, कामतापुरी और आदिवासी संगठन एक बार फिर एकजुट हो गए हैं. कामतापुर प्रोग्रेसिव पार्टी केपीपी के केंद्रीय प्रचार सचिव संतोष कुमार बर्मन ने बताया कि शनिवार को दार्जिलिंग गोरखा जनमुक्ति मोर्चा शिंगीमारी के केंद्रीय कार्यालय में कामतापुर प्रोग्रेसिव पार्टी केपीपी, जय बिरसा मुंडा उलगुलान और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व के बीच बंद कमरे में बैठक हुई. चार-पांच घंटे तक चली बैठक के अंत में उत्तर बंगाल के कामतापुरी, गोरखा और आदिवासी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व ने अलग राज्य के लिए एकजुट होकर आंदोलन करने पर सहमति जताई. शनिवार को इस बैठक में केपीपी की ओर से अध्यक्ष अधीर चंद्र राय, उपाध्यक्ष बुधारू राय, प्रचार संपादक संतोष कुमार बर्मन, सह संपादक मनोवेंद्र राय, केंद्रीय समिति सदस्य पुलिन राय, राजन राय आदि मौजूद थे. वहीं बैठक में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग, महासचिव रोशन गिरि, केंद्रीय समिति के संयोजक द्विपेंद्र निराला, गोरखा युवा समिति के अध्यक्ष रमण राय उपस्थित थे. वहीं, उलगुलान की ओर से अध्यक्ष के रूप में जॉय बिरसा मुंडा उपस्थित हुए
कमल कुजूर समेत अन्य शीर्ष नेता. बैठक में गोरखा, आदिवासी, कामतापुरी संगठनों के सभी नेता इस बात पर सहमत हुए कि अगर उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाना है तो इसे विभाजित नहीं किया जा सकता. इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार की लंबे समय से चली आ रही वंचना और धोखे के खिलाफ एकजुट होने और विरोध करने का अंतिम निर्णय लिया। यह भी दावा किया गया है कि राज्य के नामकरण को लेकर गोरखा, कामतापुरी और आदिवासी संगठनों के बीच कोई जटिलता नहीं है. उनका एकमात्र लक्ष्य अलग राज्य बनाना है. इसलिए कामतापुरी, गोरखा और आदिवासी संगठनों का शीर्ष नेतृत्व लोकसभा चुनाव से पहले पूरे उत्तर बंगाल में एक अलग राज्य के लिए एक मजबूत आंदोलन खड़ा करेगा।