ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज़ अड्डा, ५ अक्टूबर :
मनरेगा, पीएम आवास सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं का फंड रोकने के खिलाफ दिल्ली में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन के बाद अब बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को कोलकाता में राजभवन मार्च का आह्वान किया है। पार्टी ने यह घोषणा तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी सहित पार्टी के कई अन्य सांसदों, मंत्रियों व नेताओं को मंगलवार रात दिल्ली में कृषि भवन में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने की मांग को लेकर धरने के दौरान पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की कार्रवाई के प्रतिवाद में की है। केंद्रीय मंत्री से नहीं मिल पाने और पुलिस की इस कार्रवाई से तृणमूल भड़की हुई है। पार्टी के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि जल्द ही ममता बनर्जी के नेतृत्व में लाखों लोग दिल्ली अभियान करेंगे तब देखते हैं भाजपा क्या करती है।
पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद अभिषेक ने देर रात ही पांच अक्टूबर को राजभवन चलो अभियान की घोषणा कर दी। अभिषेक ने कहा कि राजभवन मार्च में वे लोग अपने साथ मनरेगा के बकाए फंड को लेकर प्रधानमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री को राज्य के मनरेगा श्रमिकों द्वारा संबोधित करीब 50 लाख पत्रों का बंडल भी ले जाएंगे। इधर, इस घोषणा के बाद कोलकाता में गुरुवार को एक बार फिर भारी बवाल व यातायात सेवा प्रभावित होने की आशंका है। दूसरी ओर, अभिषेक समेत अन्य पार्टी नेताओं को दिल्ली में हिरासत में लिए जाने के प्रतिवाद में कोलकाता-हावड़ा सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सडकों पर उतरकर मंगलवार देर रात से ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया जो बुधवार को भी चला। विभिन्न राज्य व राष्ट्रीय राजमार्गों को भी कुछ देर के लिए अवरूद्ध कर व टायर जलाकर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। मालदा समेत कई जगहों पर कार्यकर्ताओं ने सुबह रेल रोकने का भी प्रयास किया। इसके अलावा भाजपा विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के गृह जिले पूर्व मेदिनापुर में उनके घर के पास भी तृणमूल कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन व नारेबाजी की।
तृणमूल महासचिव अभिषेक ने आरोप लगाया कि मंगलवार शाम छह बजे मिलने का समय देने के बावजूद कृषि भवन में डेढ़ घंटे के इंतजार के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री निरंजन ज्योति ने तृणमूल प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात से इन्कार कर दिया। इसके बाद 40 सदस्यीय तृणमूल नेताओं व कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल वहीं धरने पर बैठ गए थे और तब तक जाने से इन्कार कर दिया, जब तक मंत्री उनसे नहीं मिलती है। तृणमूल नेता अपने साथ बड़ी संख्या में पत्रों का बंडल भी ले गए थे।यह धरना रात करीब नौ बजे तक जारी रहा, जिसके बाद बड़ी संख्या में वहां पहुंची पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर मंत्रालय परिसर से बाहर निकालकर थाने ले गई।
हालांकि रात में ही पुलिस ने सभी नेताओं को छोड़ दिया था।