ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज़ अड्डा , २२ जुलाई : दुनिया के सबसे बड़े चावल के निर्यातक देश भारत ने चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। मौसम की बेरुखी के कारण स्थानीय बाजार में कीमतों में उछाल आया है और इसलिए मोदी सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को रोकने का फैसला किया। देश के आंतरिक बाजार को स्थिर रखने के लिए केंद्र ने यह कदम उठाया है। जी हां, प्रशासन का यही कहना है.
पहले से ही संकेत थे कि केंद्र ऐसा फैसला लेने जा रहा है. सब्जियों से लेकर मछली, मांस तक खाद्य उत्पादों की कीमत में बढ़ोतरी के कारण लोग पहले से ही मुश्किल में है। ऐसे में केंद्र ने मध्यम वर्ग के दाल-चावल को सुरक्षित रखने का फैसला किया है. नतीजा यह हुआ कि 80 फीसदी चावल का निर्यात बंद हो गया. भारत समेत एशियाई देश अंतरराष्ट्रीय बाज़ार का बड़ा हिस्सा यानी 90 फीसदी चावल निर्यात करते हैं. नतीजतन, भारत के इस फैसले से भले ही देश में चावल की कीमत कम हो जाएगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमत काफी बढ़ जाएगी. विश्व बाज़ार में भारत अकेले 40 प्रतिशत चावल निर्यात करता है। लगभग 100 देश भारत से यह अनाज खरीदते हैं। सबसे बड़े खरीदार चीन, बेनिन, सेनेगल, टोगो आदि हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि भारत के इस फैसले से कई देशों में चावल की कीमत बढ़ जाएगी.