सिलीगुड़ी,01 मार्च (नि.सं.)।एडेनोवायरस को लेकर प्रदेश भर में चिंता बढ़ती जा रही है। यह जानलेवा वायरस बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इससे निपटने के लिए मंगलवार को नबन्ना में आपात बैठक की. वहीं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी अस्पतालों को नई गाइडलाइन जारी करने का निर्देश दिया गया. इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी बच्चे को इलाज कराने में कोई दिक्कत न हो। नई गाइडलाइंस भी जारी की गई हैं।
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार मेडिकल कॉलेज से लेकर प्रखंड स्तर तक प्रत्येक अस्पताल में पीडियाट्रिक एक्यूट रेस्पिरेटरी क्लिनिक एआरआई को 24 घंटे खुला रखा जाए.
भीड़ को कम करने के लिए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में अलग से 24 घंटे चलने वाले पीडियाट्रिक एक्यूट रेस्पिरेटरी क्लीनिक खोले जाएंगे। विशेषज्ञ चिकित्सक को साथ रखना चाहिए।
दिशानिर्देश स्पष्ट रूप से कहते हैं,
किसी बीमार बच्चे को चिकित्सा अधीक्षक या प्राचार्य की अनुमति के बिना रेफर नहीं किया जाएगा।
आपातकालीन स्थिति को ध्यान में रखते हुए वेंटिलेशन वाले आईसीयू, सीसीयू को तैयार रखा जाए।
इलाज कराने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए संबंधित पीजीटी डॉक्टर व सीनियर रेजिडेंट प्रभारी होंगे.
साथ ही इलाज की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800-313444-222 शुरू किया गया है।
आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता के बीच एडेनो वायरस जागरूकता अभियान चलाया जाए।
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक बीसी राय चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज, बांकुड़ा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज, मालदह मेडिकल कॉलेज समेत कुल पांच अस्पतालों को पीडियाट्रिक हब के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा.
चिकित्सा क्षेत्र में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री की बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिए गए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश के हर स्तर पर अस्पतालों को साफ-सुथरा रखने के लिए पर्याप्त सैनिटाइजेशन किया जाए. कुल मिलाकर, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एडेनोवायरस से लड़ने और बच्चों की जान बचाने के लिए कई पहल की है।
ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज अड्डा।