सिलीगुड़ी,04 मई (नि.सं.)।कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कालियागंज में मृत्युंजय बर्मन की मौत की सीबीआई जांच का आदेश नहीं दिया। मजिस्ट्रेट की निगरानी में सीआईडी घटना की जांच करेगी। सीआईडी को 12 मई तक रिपोर्ट देनी होगी। हाई कोर्ट ने कहा कि दूसरा पोस्टमार्टम भी जरूरी नहीं है।
बीती 26 अप्रैल की रात कलियागंज के राधिकापुर गांव में पुलिस कार्रवाई के दौरान पुलिस कथित रूप से मृत्युंजय बर्मन के घर में घुस गई. पुलिस ने जब उसके पिता को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो पुलिस इस दौरान फायरिंग हो गई. आरोप है कि इसी वजह से मृत्युंजय की मौत हुई।इस घटना को लेकर इलाके में बवाल मच गया। इसके बाद राजनीतिक शुरू हो गई। सोमवार को इस घटना की जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को दी गई थी। सीआईडी की जिम्मेदारी मिलने के बाद वह काम पर लग गई। अधिकारियों ने मौके पर जाकर सैंपल लिए। लेकिन मृतक के परिजन सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हैं। मृतक के परिजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
उस मामले की सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा कि स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मृत्युंजय बर्मन को पुलिस ने गोली मारी थी. फिलहाल हाईकोर्ट सीबीआई जांच से सहमत नहीं है। इसके बजाय, सीआईडी एक मजिस्ट्रेट की देखरेख में घटना की जांच करेगी। दूसरे पोस्टमार्टम अनुरोध को भी खारिज कर दिया गया था। सीआईडी को 12 मई तक हाईकोर्ट में रिपोर्ट देनी होगी। अब देखना होगा कि सीआईडी क्या रिपोर्ट पेश करती है और उस संदर्भ में हाईकोर्ट का क्या आदेश देता है।