सिलीगुड़ी,11 मार्च (नि.सं.)।देश में एडेनो अटैक के बीच एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस फिर से खौफ फैला रहा है। हरियाणा और कर्नाटक में वायरस से दो लोगों की मौत हुई है। पहली मौत कर्नाटक से, दूसरी हरियाणा से हुई थी।
पिछले कुछ हफ्तों में, देश में वायरस अटैक बढ़ गया है। लगभग 90 लोग H3N2 वायरस से संक्रमित हुए हैं। एच1एन1 वायरस के आठ मामले भी सामने आए हैं। H3N2 इन्फ्लुएंजा को “हांगकांग फ्लू” के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस इन दिनों बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है। हालांकि, डॉक्टरों ने इससे नहीं घबराने की सलाह दी है। वही अगर बुखार लंबे समय तक बना रहता है तो डॉक्टर के पास जाए। इस इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश आदि शामिल हैं। कोलकाता शहर में एच1एन1 वायरस जोर पकड़ रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च या ICMR के मुताबिक, देश के कुछ राज्यों में इन्फ्लूएंजा वायरस का H3N2 स्ट्रेन फैल गया है।
इस प्रकार का इन्फ्लूएंजा सबसे संक्रामक और खतरनाक है। एक बार जब यह वायरल स्ट्रेन शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो यह संक्रमित व्यक्ति की तुलना में तेजी से फैल सकता है। इस वायरस के हमले में बुखार के साथ-साथ खांसी, नाक बहना, नाक बंद होना, गले में खराश और सिरदर्द जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। कई मामलों में दस्त, उल्टी, शरीर में दर्द होता है। लक्षण 3 दिनों के बाद कम होने लगते हैं, लेकिन खांसी की समस्या कम होने में 15 दिन से अधिक समय लग जाता है।
डॉक्टरों के मुताबिक, कोविड के बाद बच्चों में फ्लू के मामले करीब 50 फीसदी बढ़ गए हैं। फ्लू से बचाव के लिए बच्चों और वयस्कों के लिए दो अलग-अलग टीकाकरण हैं। हालांकि, फ्लू होने के बाद यह टीका लगवाना कुछ खास फायदेमंद नहीं होगा।
ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज अड्डा।