सिलीगुड़ी,23 जून (नि.सं.)।बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री व कद्दावर माकपा नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी सुचेतना भट्टाचार्य अपना लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष बनना चाहती हैं। उन्होंने इसके लिए कानूनी सलाह भी ले रही हैं और जरूरी प्रमाणपत्र के लिए भी मनोचिकित्सक से भी संपर्क किया है।
सुचेतना ने हाल ही में एक लैसबियन गे बायसेक्सुअल ट्रांसजेंडर क्वीर’एलजीबीटीक्यू’ कार्यशाला में हिस्सा लिया था। उस कार्यशाला में शामिल एक प्रतिभागी ने इंटरनेट मीडिया पर सुचेतना के बारे में एक लंबा पोस्ट लिखा है। ‘गौरब मास की कहानी’ शीर्षक वाली पोस्ट की शुरुआत ‘सुचेतना आज से हैं सुचेतन’ लिखकर की गई है। वहीं पोस्ट में सुचेतना के पिता बुद्धदेव भट्टाचार्य लंबे समय से बीमार चल रहे हैं, मां मीरा भट्टाचार्य को पेसमेकर लगा है। इन बातों का भी उल्लेख किया गया है।
सुचेतना ने बुधवार को कहा कि मेरे माता-पिता की पहचान या परिवार की पहचान कोई बड़ी बात नहीं है। मैं यह कर रही हूं एलजीबीटीक्यू प्लस आंदोलन के रूप। मैं उस सामाजिक उत्पीड़न को रोकना चाहती हूं जिसका एक ट्रांसमैन को हर दिन सामना करता पड़ता है। मैं एक वयस्क हूं। मैं अब 41 प्लस हूं। नतीजतन मैं अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले खुद ले सकती हूं। मैं यह फैसला उसी तरह ले रही हूं। कृपया मेरे माता-पिता को इसमें न घसीटें। अब जो मन से अपने को पुरुष समझता है, वह भी पुरुष है। मेरे जैसा मैं खुद को मानसिक रूप से पुरुष मानती हूं। अब मैं चाहती हूं कि तन से भी पुरुष हो जाउं। इसीलिए वह मानती हैं कि उनके पिता उनके इस फैसले का समर्थन करेंगे।
दरअसल, समाज का एक वर्ग सुचतना के इस निर्णय को ‘साहसिक’ बता रहा है। उनके मुताबिक, अगर सुचेतना जैसा कोई यह फैसला लेता है तो एलजीबीटीक्यू प्लस आंदोलन को काफी गति मिलेगा। सुचेतना खुद कहती हैं कि मैंने यह फैसला लिया है। इसलिए मैं इससे लड़ूंगा। मुझमें वह साहस है। किसने क्या कहा मुझे परवाह नहीं है। मैं सभी के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं। इसलिए उन्हें समाज का अटूट समर्थन मिलेगा।