सिलीगुड़ी,16 फरवरी (नि.सं.)।सिलीगुड़ी अस्पताल परिसर में किसी प्रकार का माइक्रोफोन या हॉर्न नहीं बजाया जा सकता है। प्रशासन द्वारा इलाके को नो हॉर्न जोन घोषित कर दिया गया है. इसके बावजूद वाहन चालक सुबह से शाम तक इस इलाके में हॉर्न बजा रहे हैं। इससे अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी नियमों के अनुसार, किसी भी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल के 200 मीटर के दायरे में कोई भी माइक्रोफोन या हॉर्न बजाना प्रतिबंधित है। कुछ लोग उस नियम की अवहेलना कर रहे हैं। जब आप सिलीगुड़ी अस्पताल रोड के सामने से गुजरेंगे तो आप समझ जाएंगे कि क्या हो रहा है। सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के सामने सुबह से लेकर रात तक छोटे-बड़े वाहन चलते हैं। ये वाहन अक्सर बिना किसी कारण के हार्न बजाते हैं। जिला अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों को उस हॉर्न की आवाज से परेशानी का सामना करना पड़ता है। सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के सामने प्रशासन द्वारा नो हॉर्न जोन का साइन बोर्ड लगाया गया है। साथ ही कई बार सिलीगुड़ी के विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों ने इस बारे में जागरूकता पैदा करने की कोशिश की है। सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों के परिजनों ने बताया कि जिन लोगों का इलाज चल रहा है उन्हें इस हॉर्न को बजाने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सुबह से रात तक इस हॉर्न की आवाज से वे असहज महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए। शहर के गणमान्य लोगों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों का कहना है कि सिलीगुड़ी अस्पताल के सामने हार्न नहीं बजाया जा सकता। सिलीगुड़ी के राजनीतिक व्यक्ति और सामाजिक कार्यकर्ता वेदव्रत दत्ता ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सा केंद्र से सटे सड़क पर किसी भी वाहन के हॉर्न बजाने या शोर करने की सख्त मनाही है।
स्थानीय प्रशासन या स्वयंसेवी संस्थाएं भी कई बार लोगों को जागरुकता संदेश दे चुकी हैं। हालांकि इस गतिविधि पर कोई असर नहीं पड़ा। न केवल सिलीगुड़ी जिला अस्पताल बल्कि विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों के सामने यह हो रहा है। हाल ही में ट्रांसपोर्ट एक्ट में भी बेवजह हॉर्न बजाने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। सवाल यहीं है कि फिर सिलीगुड़ी पुलिस का यातायात विभाग क्या कर रहा है? अस्पताल के सामने बने ट्रैफिक बूथ पर सुबह से रात तक कम से कम तीन लोगों की ड्यूटी रहती है। हाशमी चौक के बगल में भी पांच-छह लोग ड्यूटी पर तैनात हैं। लेकिन कई लोगों ने सवाल किया है कि पुलिस का यातायात विभाग कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है।
ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज अड्डा।