सिलीगुड़ी,25 मार्च (नि.सं.)।राज्य सिविक वोलेंटियर्स के काम पर सवाल उठाए गए थे। राज्य पुलिस को भी कोर्ट से फटकार लगी है।
सिविक वोलेंटियर्स क्या क्या कर सकते हैं इस पर राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश दिए हैं
हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य पुलिस ने सिविक वालंटियर्स के काम के लिए गाइडलाइन तय की है.
इनके काम के बारे में कई शिकायतें थीं। राज्य सरकार और पुलिस को हाईकोर्ट में आलोचना का सामना करना पड़ा है। इसके बाद ही इन दिशा-निर्देशों को प्रकाशित किया गया था।
गाइडलाइंस के मुताबिक, पूजा, त्योहारों के दौरान सिर्फ सिविक वॉलंटियर्स ही पुलिस की मदद कर सकते हैं। साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी। इससे पुलिस को अवैध पार्किंग रोकने में ही मदद मिलेगी। इससे आम लोगों की सुरक्षा में पुलिस को मदद मिलेगी। ये दिशानिर्देश भवानी भवन यानी राज्य पुलिस निदेशालय ने शुक्रवार को जारी किए हैं.
हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस के आईजी को ये गाइडलाइंस तैयार करने का निर्देश दिया था. गाइडलाइंस तैयार कर 29 मार्च तक कोर्ट में जमा करनी थी। राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में सिविक वोलेंटियर्स की क्या भूमिका है? अदालत यह जानना चाहती थी।
इतना ही नहीं, जस्टिस राजशेखर मंथा राज्य से यह भी जानना चाहते हैं कि क्या सिविक वालंटियर्स को किसी काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
अमता के छात्र नेता अनीस खान की हाल ही में हुई मौत ने सिविक वोलेंटियर्स की भूमिका पर सवाल खड़ा कर दिया है। रात में पुलिस की तलाशी के दौरान छत से गिरकर अनीस की मौत हो गई थी। बाद में राज्य की ओर से महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखोपाध्याय ने भी अनीस मामले में पुलिस की लापरवाही को स्वीकार किया था. इसलिए यह गाइडलाइन काफी अहम मानी जा रही है।
पूर्व पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सिविक वोलेंटियर्स की जिम्मेदारियों को लेकर पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर देने चाहिए थे। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या सभी मामलों में हाईकोर्ट का दखल जरूरी है।
ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज अड्डा।