सिलीगुड़ी,17 मई (नि.सं.)।हर साल मानसून के दौरान बंगाल में मच्छरों की तादाद बढ़ जाती है और मच्छरों के कारण डेंगू पनपता है। हर साल मानसून के दौरान बंगाल में डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों में इजाफा होता है। पिछले साल फिर डेंगू-मलेरिया का संक्रमण बढ़ा था। हर साल मच्छर जनित बीमारियों को लेकर प्रशासन की चिंता बढ़ जाती है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के डेटा के अनुसार पश्चिम बंगाल देश में मच्छरों के संक्रमण और मच्छर जनित रोगों में पहले स्थान पर है।
लेकिन इस बार उस घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पहले से की कमर कस चुका है. राज्य सरकार ने मच्छर जनित रोगों के खिलाफ मई से नवंबर माह तक घर-घर जाकर सर्वे करने और लार्वा नष्ट करने के लिए लगातार अभियान चलाने के लिए नियोजित बजट में से करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.
इसमें से 62 लाख उत्तरी 24 परगना के लिए आवंटित किए गए हैं, जहां राज्य में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हैं। जो प्रदेश के अन्य जिलों से अधिक है।
दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ डेंगू-मलेरिया के मामले हर साल अधिक होते हैं। लेकिन पिछले साल पश्चिम बंगाल ने सभी गणनाओं को पार कर लिया।
देखा गया कि साल भर में डेंगू से संक्रमित हुए 2.33 लाख लोगों में से करीब 67 हजार मरीज इसी राज्य के थे.
दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा संख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है जहां संक्रमितों की संख्या 20 हजार के करीब है। मलेरिया में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिलती है। देश भर में 2022 में 1.74 लाख लोग विवैक्स मलेरिया से संक्रमित हुए थे।
यानी एक बात तो साफ है कि देश में डेंगू-मलेरिया के करीब 25 फीसदी या उससे ज्यादा मामले इसी राज्य में हैं। और 2021 में ये दोनों दूसरे सबसे ऊंचे राज्य पहले स्थान पर रहे। राज्य स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों का कहना है कि इस साल भी ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं.
मच्छर जनित बीमारी का मौसम अभी शुरू नहीं हुआ है। हालांकि इस साल जनवरी से मई तक डेंगू-मलेरिया से संक्रमित लोगों की संख्या पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में अधिक है। इस साल 11 मई तक राज्य में 1,293 लोग डेंगू से संक्रमित हो चुके हैं। जिनमें से 91 लोग कोलकाता में संक्रमित हुए। दूसरी ओर, मलेरिया से संक्रमित 3678 लोगों में से 382 लोग कोलकाता में संक्रमित हुए। पिछले साल इसी अवधि में राज्य में डेंगू और मलेरिया के मामलों की संख्या एक हजार के पार भी नहीं गई थी। इसलिए इस साल स्वास्थ्य विभाग ज्यादा सतर्क है।
एक अधिसूचना के अनुसार अगले नवंबर तक शहरी क्षेत्रों में घर-घर सर्वेक्षण के कार्य चलाए जाने हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ये कार्य नवंबर तक हर सप्ताह किए जाने हैं। इसके लिए 8 करोड़ 40 लाख 78 हजार 37 रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसमें से दो करोड़ रुपए विभिन्न सभाओं और जागरूकता अभियानों के लिए आवंटित किए गए हैं। यानी राज्य सरकार मच्छरों पर 8 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने जा रही है.