ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज़ अड्डा, ८ जुलाई : राज्य में पंचायत चुनाव में जहां हिंसा हो रही है, वहीं पहाड़ों में स्थिति बिल्कुल उलट है. मतदान पर्व को लेकर पहाड़ में लोगों में उत्साह देखते बन रहा है। बंगाल में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है. कहीं मत पत्र लूटे गए हैं तो, कहीं बम चले है। सुबह से पहाड़ों में हल्की और मध्यम बारिश हुई है। लेकिन बारिश शुरू होने के बावजूद पहाड़वासी उत्सव के मूड में मतदान करते नजर आ रहे हैं. इसका एक ही कारण है, 22 साल बाद पहाड़ में पंचायत चुनाव हो रहे हैं. पहाड़ का राजनीतिक समीकरण भी राज्य के समीकरण से काफी अलग है. इस बार लड़ाई भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस के गठबंधन के साथ-साथ मुख्य विपक्षी भाजपा समेत आठ क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के गठबंधन के बीच है। पिछले पंचायत चुनाव में पहाड़ों पर जीएनएलएफ का स्पष्ट दबदबा था। और अब हिल अनित के बीजीपीएम के हाथों में है। लेकिन पंचायत चुनाव में सत्ता किसकी होगी ये देखने वाली बात होगी. सुबह से ही विभिन्न बूथों पर पुरुष के साथ-साथ महिला मतदाताओं की भी उत्सुकता देखी गयी. कई बूथों पर अर्धसैनिक बलों की अनुपस्थिति के बावजूद शांतिपूर्ण ढंग से मतदान हुआ. व्यावहारिक रूप से उत्सवपूर्ण माहौल दिखा। दार्जिलिंग व कालिमपोंग के लोगों ने उत्सव के मूड में मतदान किया। जबकि उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल के अधिकांश जिले खूनी खेल हो रहे हैं।