ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज़ अड्डा , १९ जुलाई : अटकलें सच हुईं हैं। चर्चा के बाद योजना पर काम शुरू हो गया है. फैसला हो गया है. बेंगलुरु में हुई मीटिंग में विपक्षी गठबंधन के नाम पर मुहर लग गई. इस गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ है. सबसे पहले डेरेक ओ’ब्रायन के ट्वीट से इस बात का संकेत मिला. इसके तुरंत बाद राजद और शिवसेना की ओर से इस नाम पर मुहर लगा दी गई.
कल 26 दलों की विपक्षी बैठक खत्म होने के बाद राज्यसभा में तृणमूल पार्टी के नेता डेरेक ने एक सुझावात्मक ट्वीट किया. वह लिखते हैं, “चक दे इंडिया।” और यहीं से अटकलें शुरू हुईं। लेकिन भारत के नए विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया के नाम से जाना जाएगा. जानकार हलकों का मानना है कि विपक्ष 2024 के लोकसभा में बीजेपी को केंद्र से हटाने के लिए इस नाम के जरिए देशभक्ति जगाना चाहता है.
इसके अलावा ‘समावेशी’ शब्द का जिक्र किया जा रहा है।
संयुक्त प्रगतिशील मोर्चा या यूपीए का जन्म मनमोहन सिंह सरकार के दौरान हुआ था। आज स्थिति बहुत अलग है. कुछ अन्य नये अखिल भारतीय एवं क्षेत्रीय दलों ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया है। सब कुछ परखने के बाद नए गठबंधन के नए नाम की घोषणा पर विचार शुरू हुआ. सुनने में आया था कि नाम इंडियन यूनाइटेड फ्रंट या यूनाइटेड इंडिया मोर्चा हो सकता है. लेकिन इस बार ‘इंडिया’ नाम सामने आ रहा है. मामले की आधिकारिक जानकारी जल्द ही दी जाएगी.
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कल कहा कि बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक सार्थक रही. बैठक से निकलने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा, ”गठबंधन की बैठक अच्छी रही. रचनात्मक रहा है।” कांग्रेस ने उनके संदेश को री-ट्वीट किया. इस बीच कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ संदेश दिया कि उनका लक्ष्य लोकतंत्र की रक्षा करना है. वे प्रधानमंत्री पद के लिए उत्सुक नहीं हैं.